इन दिनों देश के प्रधानमन्त्री व मानव संसाधन विकास मंत्री की शैक्षिक योग्यता को लेकर बहुत चर्चायें हो रही है | इन पदों के लिए भारतीय संविधान में शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं है, इसलिए चर्चायें निरर्थक है |
मोदी जी एक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा वे उस विचारधारा के सशक्त प्रवक्ता व पोषक नजर आ रहे हैं | इतनी बड़ी तादाद में भक्तों का होना इसका प्रमाण है | इन चर्चाओं से मोदी भक्तों पर कोई असर नहीं होने वाला है | उनकी आस्था भारतीय संविधान से ज्यादा उक्त विचारधारा में है |
यदि शैक्षिक योग्यता मसला होती तो पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह आमजन में अधिक लोकप्रिय होते | उनके पास अनगिनत भारी भरकम डिग्रियां होते हुए भी जन साधारण के हृदय में स्थान नहीं बना सके | भक्त तो बिल्कुल भी नहीं |
हमें काम देखना चाहिए और तुलना कर उचित समय पर निर्णय देना चाहिए |
मोदी जी एक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा वे उस विचारधारा के सशक्त प्रवक्ता व पोषक नजर आ रहे हैं | इतनी बड़ी तादाद में भक्तों का होना इसका प्रमाण है | इन चर्चाओं से मोदी भक्तों पर कोई असर नहीं होने वाला है | उनकी आस्था भारतीय संविधान से ज्यादा उक्त विचारधारा में है |
यदि शैक्षिक योग्यता मसला होती तो पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह आमजन में अधिक लोकप्रिय होते | उनके पास अनगिनत भारी भरकम डिग्रियां होते हुए भी जन साधारण के हृदय में स्थान नहीं बना सके | भक्त तो बिल्कुल भी नहीं |
हमें काम देखना चाहिए और तुलना कर उचित समय पर निर्णय देना चाहिए |
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