राजस्थान : लोक कलाएं
1. देवनारायण जी की पड़ का प्रमुख लोक वाद्य है -
(अ) रावणहत्था
(ब) जंतर
(स) ढोलक
(द) सारंगी
2. मेड़ता क्षेत्र में बनाये जाने वाले मिट्टी के बड़े मटके को कहते हैं -
(अ) मोण
(ब) भराड़ी
(स) हीड़
(द) वील
3. राजस्थान की सबसे लोकप्रिय पड़ है -
(अ) रामदेवजी की पड़
(ब) पाबूजी की पड़
(स) देवनारायण जी की पड़
(द) इनमें से कोई नहीं
4. राजस्थान में मांगलिक अवसरों पर महिलाओं द्वारा घर-आँगन को लीप-पोत कर ज्यामितीय अलंकरण बनाने को कहते हैं -
(अ) अल्पना
(ब) रंगोली
(स) मांडणा
(द) साँझा
5. ग्रामीण महिलाएं भिन्न-भिन्न अाकारों में दरवाजों की चौखट के चारों तरफ कौनसा मांडणा बनाती है?
(अ) ताम
(ब) चौकड़ी
(स) सातिये
(द) पगल्या
6. कठपुतली को नचाने वाले किस जाति के होते हैं -
(अ) भाट
(ब) कामड़
(स) गूजर
(द) आयड़
7. विवाह व अन्य मांगलिक अवसरों पर कुंकुम, अक्षत, चावल आदि रखने हेतु प्रयुक्त लकड़ी का पात्र कहलाता है -
(अ) बाजोट
(ब) चोपड़ा
(स) बेवाण
(द) इनमें से कोई नहीं
8. विभिन्न देवी-देवताओं के कागज पर बने बड़े चित्र कहलाते हैं -
(अ) पड़
(ब) पाने
(स) पिछवाइयाँ
(द) मांडणा
9. राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में अनाज संग्रह हेतु प्रयुक्त मिट्टी के कलात्मक पात्र को कहते हैं -
(अ) सोहरियाँ
(ब) कोठियाँ
(स) हीड़
(द) वील
10. राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में भोजन सामग्री रखने हेतु प्रयुक्त मिट्टी के कलात्मक पात्र को कहते हैं -
(अ) सोहरियाँ
(ब) कोठियाँ
(स) हीड़
(द) वील
उत्तर : 1. (ब), 2. (अ), 3. (ब), 4. (स), 5. (स), 6. (अ), 7. (ब), 8. (ब), 9. (ब), 10. (अ) ☑
1. देवनारायण जी की पड़ का प्रमुख लोक वाद्य है -
(अ) रावणहत्था
(ब) जंतर
(स) ढोलक
(द) सारंगी
2. मेड़ता क्षेत्र में बनाये जाने वाले मिट्टी के बड़े मटके को कहते हैं -
(अ) मोण
(ब) भराड़ी
(स) हीड़
(द) वील
3. राजस्थान की सबसे लोकप्रिय पड़ है -
(अ) रामदेवजी की पड़
(ब) पाबूजी की पड़
(स) देवनारायण जी की पड़
(द) इनमें से कोई नहीं
4. राजस्थान में मांगलिक अवसरों पर महिलाओं द्वारा घर-आँगन को लीप-पोत कर ज्यामितीय अलंकरण बनाने को कहते हैं -
(अ) अल्पना
(ब) रंगोली
(स) मांडणा
(द) साँझा
5. ग्रामीण महिलाएं भिन्न-भिन्न अाकारों में दरवाजों की चौखट के चारों तरफ कौनसा मांडणा बनाती है?
(अ) ताम
(ब) चौकड़ी
(स) सातिये
(द) पगल्या
6. कठपुतली को नचाने वाले किस जाति के होते हैं -
(अ) भाट
(ब) कामड़
(स) गूजर
(द) आयड़
7. विवाह व अन्य मांगलिक अवसरों पर कुंकुम, अक्षत, चावल आदि रखने हेतु प्रयुक्त लकड़ी का पात्र कहलाता है -
(अ) बाजोट
(ब) चोपड़ा
(स) बेवाण
(द) इनमें से कोई नहीं
8. विभिन्न देवी-देवताओं के कागज पर बने बड़े चित्र कहलाते हैं -
(अ) पड़
(ब) पाने
(स) पिछवाइयाँ
(द) मांडणा
9. राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में अनाज संग्रह हेतु प्रयुक्त मिट्टी के कलात्मक पात्र को कहते हैं -
(अ) सोहरियाँ
(ब) कोठियाँ
(स) हीड़
(द) वील
10. राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में भोजन सामग्री रखने हेतु प्रयुक्त मिट्टी के कलात्मक पात्र को कहते हैं -
(अ) सोहरियाँ
(ब) कोठियाँ
(स) हीड़
(द) वील
उत्तर : 1. (ब), 2. (अ), 3. (ब), 4. (स), 5. (स), 6. (अ), 7. (ब), 8. (ब), 9. (ब), 10. (अ) ☑
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